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एम ए सेमेस्टर-1 हिन्दी चतुर्थ प्रश्नपत्र - कथा-साहित्य

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :200
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2680
आईएसबीएन :0

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एम ए सेमेस्टर-1 हिन्दी चतुर्थ प्रश्नपत्र - कथा-साहित्य

प्रश्न- हीरामन के चरित्र पर प्रकाश डालिए।

उत्तर -

हीरामन रेणु के 'तीसरी कसम' कहानी का प्रस्थान चालू है। कहानीकार हीरामन के ख्वाब का स्वस्थ का काला कलूटा देहाती नवयुवक है अपने और बैलों के सिवा दुनिया की किसी बात में दिलचस्पी वह नहीं लेता है।

वह अपने बड़े भाई और भाभी की बहुत इज्जत करता है। उनसे डरता भी है। वह अकेला है। उसका विवाह तो हुआ था लेकिन गौने के पहले ही दुल्हिन मर गई थी। हीरामन एक बहुत सक्षम गाड़ीवान है। वह पहले तस्करी का माल नेपाल की तराई में लाता था, एक बार पकड़े जाने पर मौका पाकर बैलों के साथ रात के अन्धेरे में जंगल में होकर भागा था। बड़ी मुश्किल से जान बची थी। गाड़ी वहीं पड़ी रह गई थी। उसी अवसर पर उसने दो कसमें खाई थी। वह तस्कीर, चोरी आदि का माल कभी नहीं लादेगा तथा बांस की लदानी भी नहीं करेगा।

एक बार सरकस के बाघ को गाड़ी से ले जाने हेतु मात्र हीरामन ही तैयार हुआ था उस बार उसको सौ रुपये मिले थे। उन रुपयों से उसने गाडी बनवा ली थी। और आधीदारी पर बैलों को जोतना बन्द कर दिया था।

उसने मथुरा मोहन नौटंकी को छोड़कर जाने वाली नृत्यांगना को लेकर फारबिसगंज के मेले में जाता है। दिनभर चलते रहने के पश्चात् रात में फारबिसगंज पहुँचाता है। इस यात्रा में उसका व्यक्तित्व अथवा चरित्र उभरकर आता है। हीराबाई की सवारी यद्यपि टप्पर वह पड़े हुए पर्दे के पीछे है। तथपित उसकी उपस्थिति से उसको पीठ में गुदगुदी होती है। हीराबाई के वस्त्रों में लगे हुए चम्पा के इत्र की खुशबू उसको विचलित कर देती है। और वह हीराबाई के दर्शनार्थ उत्सुक हो उठता है। खड्ड में गाड़ी के फँस जाने पर वह बैल को दुआली से पीटता है। भतर से हीराबाई कहती है मारो मत। इस मधुर धीमी आवाज को सुनकर वह आश्चर्यचकित हो जाता है। और इसी क्षण से वह हीराबाई के प्रति आसक्त हो जाता है। लेकिन उसमें इतना साहस नहीं है कि आगे बढ़कर अपनी बात स्पष्टतः से कह सके। इसके इस व्यक्तित्व के इस पक्ष को देखकर हीराबाई उसके साथ सुरक्षित महसूस करने लगती है। और यह धारणा बना लेती है कि हीरामन सचमुच हीरा है।

गाड़ी में लेटी हुई जब हीराबाई के मुख मण्डल पर चाँदनी पड़ती है। तो उसके मुखचन्द्र को देखकर वह नीचे से ऊपर तक सिहर जाता है। और लेखक के अनुसार हीरामन चीखते- चीखते रुक गया 'अरे बाप! ते परी है।'

अब हीरामन का रसिक उजागर होने लगता है। वह हीराबाई को देखने तथा उससे बात करने का कोई भी अवसर खोना नहीं चाहता है। जब हीराबाई उससे उसका नाम पूँछती है तो उसका रोम-रोम बज उठता है। उसका मन होता है कि हीराबाई से बात करे। वह जब हीराबाई को अपनी तरफ देखता हुआ देखता है तो वह भूल जाता है कि हीराबाई ने उसको भाई कहकर सम्बोधित किया था। उसके मन में कोई अनजानी रागिनी बज उठी थी और सारी देह सिर- सिरा उठी थी।

एक सरल देहाती हीराबाई हैं न तो उसकी समझ में यह बात आती है कि पुरुष और स्त्री के नाम समान हो सकती है। और न वह यह विश्वास कर सकता हैं कि कानपुर ओर नाकपुर नाम के नगर भी हो सकते हैं।

हीरामन अपने मतलब में चौकस है। वह नहीं चाहता था कि हीराबाई को कोई राहगीर देखे अथवा यह भी न जान सके कि हीराबाई के साथ वह बात कर रहा है। कुहासा छटते ही वह अपनी चद्दर से टप्पर में पर्दा कर देता है। राह चलते गाड़ीवान के प्रश्न के उत्तर में वह न मालूम किस गाँव का नाम बताकर बात को उड़ा देता है आगे चलकर पाठ के बोझ लादे हुए बनिये को आते देखकर वह टप्पर को पर्दे से गिरा देता है। वह मैया का गीत गाकर ऐसा वातावरण बना देता है। कि कोई हीराबाई के बारे में बात ही न कर सके।

उस समय हीरामन को न कितनी प्राचीन यादें सताती हैं विदेशिया बलवाही छोकरा तथा महुवा घटवारिन हीराबाई के मुख से अपने गीत की प्रशंसा सुनकर उसका मुँह लाल हो जाता है। कजरी नदी के किनारे पहुँचकर हीरामन खुल जाता है। वह दोनों के लिए गाँव से दही चूड़ा ले आता है। और नाश्ता करती हुई हीराबाई पर बलिहार सा होता दिखाई देता हुआ। हीराबाई जब कहती है कि पहले पीछे क्या, तुम भी बैठो, तब हीराबाई का जी जुड़ जाता है।

बैलगाड़ी के टप्पर में बैठी हुई हीराबाई को देखकर कभी उसको याद आती है। अपनी भाभी, जिसे वह इसी तरह अपनी गाड़ी में लाया था। और कल्पना करता है कि एक दिन में अपनी दुल्हिनियाँ को पूरी प्रकार लाऊँगा।

फरबिसगंज पहुँचते ही हीरामन का स्वाभिमान स्वरूप समझ आता है। वह नौटंकी के लिए पास लेने में संकोच करता है। नहीं जी, एक रात नौटंकी देखकर जिन्दगी पर बोली ठोली कौन सुने?

हीराबाई जब अपने कुली के हाथों गाड़ी भाड़ा के 50 रुपये भेजती है तो अपनी स्थिति उसके समझ में आ जाती है हीराबाई उसे एक गाड़ीवान से बतुत कुछ नहीं समझती है हीरामन को लगा कि किसी ने आसमान से धकेलकर धरती पर गिरा दिया हो

अन्त में रेल में बैठकर खाना होने के पूर्व हीराबाई उसे गर्म चादर खरीदने के लिए रुपये देने लगती है। तब वह कह देता है। "हरदम रुपया पैसा रखिये क्या करेंगे चादर का? कि हीराबाई के चले जाने के पश्चात् मानो हीरामन की दुनियाँ ही खाली हो जाती है। वह मेले के मुँह को छोड़कर अपने घर को चल देता है। वह अपने मन में समझ लेता है कि इस तरह राह चलती औरत के प्रति आकर्षित होना ठीक नहीं लेकिन अकेली नारी की उपस्थिति मन को चलायमान कर देती है। तत्पश्चात् वह तीसरी कसम खाता है। कम्पनी की औरत की कहनी वह कभी नहीं करेगा।"

समस्त कहानी 'हीरामन के चारों ओर घूमती रहती है। उसका नामकरण भी हीरामन की कसम को लक्ष्य करके हुआ हे। इसलिए हीरामन ही इस कहानी का नायक अथवा प्रमुख पात्र है।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- गोदान में उल्लिखित समस्याओं का विवेचना कीजिए।
  2. प्रश्न- 'गोदान' के नामकरण के औचित्य पर विचार प्रकट कीजिए।
  3. प्रश्न- प्रेमचन्द का आदर्शोन्मुख यथार्थवाद क्या है? गोदान में उसका किस रूप में निर्वाह हुआ है?
  4. प्रश्न- 'मेहता प्रेमचन्द के आदर्शों के प्रतिनिधि हैं।' इस कथन की सार्थकता पर विचार कीजिए।
  5. प्रश्न- "गोदान और कृषक जीवन का जो चित्र अंकित है वह आज भी हमारी समाज-व्यवस्था की एक दारुण सच्चाई है।' प्रमाणित कीजिए।
  6. प्रश्न- छायावादोत्तर उपन्यास-साहित्य का विवेचन कीजिए।
  7. प्रश्न- उपन्यास के तत्वों की दृष्टि से 'गोदान' की संक्षिप्त समालोचना कीजिए।
  8. प्रश्न- 'गोदान' महाकाव्यात्मक उपन्यास है। कथन की समीक्षा कीजिए।
  9. प्रश्न- गोदान उपन्यास में निहित प्रेमचन्द के उद्देश्य और सन्देश को प्रकट कीजिए।
  10. प्रश्न- गोदान की औपन्यासिक विशिष्टताओं पर प्रकाश डालिए।
  11. प्रश्न- प्रेमचन्द के उपन्यासों की संक्षेप में विशेषताएँ बताइये।
  12. प्रश्न- छायावादोत्तर उपन्यासों की कथावस्तु का विश्लेषण कीजिए।
  13. प्रश्न- 'गोदान' की भाषा-शैली के विषय में अपने संक्षिप्त विचार प्रस्तुत कीजिए।
  14. प्रश्न- हिन्दी के यथार्थवादी उपन्यासों का विवेचन कीजिए।
  15. प्रश्न- 'गोदान' में प्रेमचन्द ने मेहनत और मुनाफे की दुनिया के बीच की गहराती खाई को बड़ी बारीकी से चित्रित किया है। प्रमाणित कीजिए।
  16. प्रश्न- क्या प्रेमचन्द आदर्शवादी उपन्यासकार थे? संक्षिप्त उत्तर दीजिए।
  17. प्रश्न- 'गोदान' के माध्यम से ग्रामीण कथा एवं शहरी कथा पर प्रकाश डालिए।
  18. प्रश्न- होरी की चरित्र की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
  19. प्रश्न- धनिया यथार्थवादी पात्र है या आदर्शवादी? स्पष्ट कीजिए।
  20. प्रश्न- प्रेमचन्द के उपन्यास 'गोदान' के निम्न गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए।
  21. प्रश्न- 'मैला आँचल एक सफल आँचलिक उपन्यास है' इस उक्ति पर प्रकाश डालिए।
  22. प्रश्न- उपन्यास में समस्या चित्रण का महत्व बताते हुये 'मैला आँचल' की समीक्षा कीजिए।
  23. प्रश्न- आजादी के फलस्वरूप गाँवों में आये आन्तरिक और परिवेशगत परिवर्तनों का 'मैला आँचल' उपन्यास में सूक्ष्म वर्णन हुआ है, सिद्ध कीजिए।
  24. प्रश्न- 'मैला आँचल' की प्रमुख विशेषताओं का निरूपण कीजिए।
  25. प्रश्न- फणीश्वरनाथ रेणुजी ने 'मैला आँचल' उपन्यास में किन-किन समस्याओं का अंकन किया है और उनको कहाँ तक सफलता मिली है? स्पष्ट कीजिए।
  26. प्रश्न- "परम्परागत रूप में आँचलिक उपन्यास में कोई नायक नहीं होता।' इस कथन के आधार पर मैला आँचल के नामक का निर्धारण कीजिए।
  27. प्रश्न- नामकरण की सार्थकता की दृष्टि से 'मैला आँचल' उपन्यास की समीक्षा कीजिए।
  28. प्रश्न- 'मैला आँचल' में ग्राम्य जीवन में चित्रित सामाजिक सम्बन्धों का वर्णन कीजिए।
  29. प्रश्न- मैला आँचल उपन्यास को आँचलिक उपन्यास की कसौटी पर कसकर सिद्ध कीजिए कि क्या मैला आँचल एक आँचलिक उपन्यास है?
  30. प्रश्न- मैला आँचल में वर्णित पर्व-त्योहारों का वर्णन कीजिए।
  31. प्रश्न- मैला आँचल की कथावस्तु संक्षेप में लिखिए।
  32. प्रश्न- मैला आँचल उपन्यास के कथा विकास में प्रयुक्त वर्णनात्मक पद्धति पर प्रकाश डालिए।
  33. प्रश्न- कथावस्तु के गुणों की दृष्टि से मैला आँचल उपन्यास की संक्षिप्त विवेचना कीजिए।
  34. प्रश्न- 'मैला आँचल' उपन्यास का नायक डॉ. प्रशांत है या मेरीगंज का आँचल? स्पष्ट कीजिए।
  35. प्रश्न- मैला आँचल उपन्यास की संवाद योजना पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  36. प्रश्न- निम्न में से किन्हीं तीन गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (मैला आँचल)
  37. प्रश्न- चन्द्रधर शर्मा गुलेरी की कहानी कला की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  38. प्रश्न- चन्द्रधर शर्मा गुलेरी की कहानी 'उसने कहा था' का सारांश लिखिए।
  39. प्रश्न- कहानी के तत्त्वों के आधार पर 'उसने कहा था' कहानी की समीक्षा कीजिए।
  40. प्रश्न- प्रेम और त्याग के आदर्श के रूप में 'उसने कहा था' कहानी के नायक लहनासिंह की चारित्रिक विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  41. प्रश्न- सूबेदारनी की चारित्रिक विशेषताओं पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
  42. प्रश्न- अमृतसर के बम्बूकार्ट वालों की बातों और अन्य शहरों के इक्के वालों की बातों में लेखक ने क्या अन्तर बताया है?
  43. प्रश्न- मरते समय लहनासिंह को कौन सी बात याद आई?
  44. प्रश्न- चन्द्रधर शर्मा गुलेरी की कहानी कला की विवेचना कीजिए।
  45. प्रश्न- 'उसने कहा था' नामक कहानी के आधार पर लहना सिंह का चरित्र-चित्रण कीजिए।
  46. प्रश्न- निम्न में से किन्हीं तीन गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (उसने कहा था)
  47. प्रश्न- प्रेमचन्द की कहानी कला पर प्रकाश डालिए।
  48. प्रश्न- कफन कहानी का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
  49. प्रश्न- कफन कहानी के उद्देश्य की विश्लेषणात्मक विवेचना कीजिए।
  50. प्रश्न- 'कफन' कहानी के आधार पर घीसू का चरित्र चित्रण कीजिए।
  51. प्रश्न- मुंशी प्रेमचन्द की कहानियाँ आज भी प्रासंगिक हैं, इस उक्ति के प्रकाश में मुंशी जी की कहानियों की समीक्षा कीजिए।
  52. प्रश्न- मुंशी प्रेमचन्द की कहानियाँ आज भी प्रासंगिक हैं। इस उक्ति के प्रकाश में मुंशी जी की कहानियों की समीक्षा कीजिए।
  53. प्रश्न- घीसू और माधव की प्रवृत्ति के बारे में लिखिए।
  54. प्रश्न- घीसू ने जमींदार साहब के घर जाकर क्या कहा?
  55. प्रश्न- बुधिया के जीवन के मार्मिक पक्ष को उद्घाटित कीजिए।
  56. प्रश्न- कफन लेने के बजाय घीसू और माधव ने उन पाँच रुपयों का क्या किया?
  57. प्रश्न- शराब के नशे में चूर घीसू और माधव बुधिया के बैकुण्ठ जाने के बारे में क्या कहते हैं?
  58. प्रश्न- आलू खाते समय घीसू और माधव की आँखों से आँसू क्यों निकल आये?
  59. प्रश्न- 'कफन' की बुधिया किसकी पत्नी है?
  60. प्रश्न- निम्न में से किन्हीं तीन गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (कफन)
  61. प्रश्न- कहानी कला के तत्वों के आधार पर प्रसाद की कहांनी मधुआ की समीक्षा कीजिए।
  62. प्रश्न- 'मधुआ' कहानी के नायक का चरित्र-चित्रण कीजिए।
  63. प्रश्न- 'मधुआ' कहानी का उद्देश्य स्पष्ट कीजिए।
  64. प्रश्न- निम्न में से किन्हीं तीन गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (मधुआ)
  65. प्रश्न- अमरकांत की कहानी कला एवं विशेषता पर प्रकाश डालिए।
  66. प्रश्न- अमरकान्त का जीवन परिचय संक्षेप में लिखिये।
  67. प्रश्न- अमरकान्त जी के कहानी संग्रह तथा उपन्यास एवं बाल साहित्य का नाम बताइये।
  68. प्रश्न- अमरकान्त का समकालीन हिन्दी कहानी पर क्या प्रभाव पडा?
  69. प्रश्न- 'अमरकान्त निम्न मध्यमवर्गीय जीवन के चितेरे हैं। सिद्ध कीजिए।
  70. प्रश्न- निम्न में से किन्हीं तीन गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (जिन्दगी और जोंक)
  71. प्रश्न- मन्नू भण्डारी की कहानी कला पर समीक्षात्मक विचार प्रस्तुत कीजिए।
  72. प्रश्न- कहानी कला की दृष्टि से मन्नू भण्डारी रचित कहानी 'यही सच है' का मूल्यांकन कीजिए।
  73. प्रश्न- 'यही सच है' कहानी के उद्देश्य और नामकरण पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
  74. प्रश्न- 'यही सच है' कहानी की प्रमुख विशेषताओं का संक्षिप्त विवेचन कीजिए।
  75. प्रश्न- कुबरा मौलबी दुलारी को कहाँ ले जाना चाहता था?
  76. प्रश्न- 'निशीथ' किस कहानी का पात्र है?
  77. प्रश्न- निम्न में से किन्हीं तीन गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (यही सच है)
  78. प्रश्न- कहानी के तत्वों के आधार पर चीफ की दावत कहानी की समीक्षा प्रस्तुत कीजिये।
  79. प्रश्न- 'चीफ की दावत' कहानी के उद्देश्य पर प्रकाश डालिए।
  80. प्रश्न- चीफ की दावत की केन्द्रीय समस्या क्या है?
  81. प्रश्न- निम्न में से किन्हीं तीन गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (चीफ की दावत)
  82. प्रश्न- फणीश्वरनाथ रेणु की कहानी कला की समीक्षा कीजिए।
  83. प्रश्न- रेणु की 'तीसरी कसम' कहानी के विशेष अपने मन्तव्य प्रकट कीजिए।
  84. प्रश्न- हीरामन के चरित्र पर प्रकाश डालिए।
  85. प्रश्न- हीराबाई का चरित्र-चित्रण कीजिए।
  86. प्रश्न- 'तीसरी कसम' कहानी की भाषा-शैली पर प्रकाश डालिए।
  87. प्रश्न- 'तीसरी कसम उर्फ मारे गये गुलफाम कहानी के उद्देश्य पर प्रकाश डालिए।
  88. प्रश्न- फणीश्वरनाथ रेणु का संक्षिप्त जीवन-परिचय लिखिए।
  89. प्रश्न- फणीश्वरनाथ रेणु जी के रचनाओं का वर्णन कीजिए।
  90. प्रश्न- क्या फणीश्वरनाथ रेणु की कहानियों का मूल स्वर मानवतावाद है? वर्णन कीजिए।
  91. प्रश्न- हीराबाई को हीरामन का कौन-सा गीत सबसे अच्छा लगता है?
  92. प्रश्न- निम्न में से किन्हीं तीन गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (तीसरी कसम)
  93. प्रश्न- 'परिन्दे' कहानी संग्रह और निर्मल वर्मा का परिचय देते हुए, 'परिन्दे' कहानी का सारांश अपने शब्दों में लिखिए।
  94. प्रश्न- कहानी कला की दृष्टि से 'परिन्दे' कहानी की समीक्षा अपने शब्दों में लिखिए।
  95. प्रश्न- निर्मल वर्मा के व्यक्तित्व और उनके साहित्य एवं भाषा-शैली का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
  96. प्रश्न- निम्न में से किन्हीं तीन गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (परिन्दे)
  97. प्रश्न- ऊषा प्रियंवदा के कृतित्व का सामान्य परिचय देते हुए कथा-साहित्य में उनके योगदान की विवेचना कीजिए।
  98. प्रश्न- कहानी कला के तत्त्वों के आधार पर ऊषा प्रियंवदा की 'वापसी' कहानी की समीक्षा कीजिए।
  99. प्रश्न- निम्न में से किन्हीं तीन गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (वापसी)
  100. प्रश्न- कहानीकार ज्ञान रंजन की कहानी कला पर प्रकाश डालिए।
  101. प्रश्न- कहानी 'पिता' पारिवारिक समस्या प्रधान कहानी है। स्पष्ट कीजिए।
  102. प्रश्न- कहानी 'पिता' में लेखक वातावरण की सृष्टि कैसे करता है?
  103. प्रश्न- निम्न में से किन्हीं तीन गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए। (पिता)

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